Monday, March 6, 2017

9 बच्चों की बीमारी से मौत, 10वीं बेटी को बचाने पिता ने सबकुछ बेच दिया

इंदौर। जिद, जज्बा, जुनून और जीवटता। इन चार शब्दों में किसी शख्सियत को देखना है तो वे हैं 55 साल के बनेसिंह। थैलेसीमिया ने उनके नौ बच्चों की जान ले ली। 10वीं बच्ची को भी यही बीमारी है। उसे बचाने में अपना सबकुछ झाेंक चुके हैं। 8 मार्च को दुनियाभर महिला दिवस मनेगा, लेकिन सही मायने में इस दिन को बनेसिंह ही सेलिब्रेट करेंगे।



बनेसिंह ने 10वीं संतान के रूप में जन्मी बेटी 14 साल की श्वेता को बचाने के लिए अपना सबकुछ सिर्फ इसलिए बेच दिया कि एक दिन वह उठ खड़ी होगी।
- बनेसिंह बेटी की खातिर अपनी 21 एकड़ जमीन तक बेच चुके हैं और अब मजदूरी कर रहे हैं। 2013 में वे खुद भी अस्थमा का अटैक झेल चुके हैं।
- रतलाम जिले के गांव मंडावल के रहने वाले बनेसिंह तीन दिन पहले ही इंदौर के निजी अस्पताल से खून चढ़वाने के बाद घर लौटे हैं, लेकिन अब भी उन्हें बेटी की चिंता है।
- उन्होंने बताया कि आईएएस शेखर वर्मा की मदद से 2009 से इलाज करवा रहे हैं और उनके ही प्रयास से श्वेता की स्पलीन (तिल्ली) का ऑपरेशन करवा चुके हैं।
- आलोट जनपद सीईओ गोवर्धन मालवीय भी हर साल श्वेता के लिए ब्लड कैंप लगवाते हैं। अभी श्वेता के शरीर में आयरन की मात्रा 6 हजार है। उसे अब भी इलाज के लिए मेडिकल सहायता की जरूरत है, क्योंकि राज्य बीमारी सहायता में यह बीमारी शामिल नहीं है और दवाएं बाहर से लाना पड़ती हैं।
आप भी कर सकते हैं मदद
अपनी बेटी को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे बनेसिंह की मदद आप भी करना चाहते हैं तो उनसे (मोबाइल नंबर- 9630446095) संपर्क कर सकते हैं।

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